Not known Facts About Shodashi
Wiki Article
दिव्यौघैर्मनुजौघ-सिद्ध-निवहैः सारूप्य-मुक्तिं गतैः ।
Several excellent beings have worshipped aspects of Shodashi. The great sage, Sri Ramakrishna, worshiped Kali in the course of his full everyday living, and at its fruits, he paid homage to Shodashi as a result of his own wife, Sri Sarada Devi. This illustrates his greatness in seeing the divine in all beings, and especially his life partner.
Every single struggle that Tripura Sundari fought is a testament to her could and the protective nature on the divine feminine. Her legends continue on to encourage devotion and they are integral towards the cultural and spiritual tapestry of Hinduism.
साम्राज्ञी चक्रराज्ञी प्रदिशतु कुशलं मह्यमोङ्काररूपा ॥१५॥
क्लीं त्रिपुरादेवि विद्महे कामेश्वरि धीमहि। तन्नः क्लिन्ने प्रचोदयात्॥
शैलाधिराजतनयां शङ्करप्रियवल्लभाम् ।
कैलाश पर्वत पर here नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
For all those nearing the pinnacle of spiritual realization, the final stage is called a point out of complete unity with Shiva. Below, particular person consciousness dissolves into your universal, transcending all dualities and distinctions, marking the fruits from the spiritual odyssey.
हस्ते चिन्मुद्रिकाढ्या हतबहुदनुजा हस्तिकृत्तिप्रिया मे
कामेश्यादिभिराज्ञयैव ललिता-देव्याः समुद्भासितं
प्रणमामि महादेवीं मातृकां परमेश्वरीम् ।
यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं
श्रीमद्-सद्-गुरु-पूज्य-पाद-करुणा-संवेद्य-तत्त्वात्मकं
यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।